ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

आपने कभी ना कभी ऑप्शन ट्रेडिंग का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन अधिकतर लोग जब पहली बार ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सुनते हैं तो उन्हें ऑप्शन ट्रेडिंग जटिल, जोखिम भरा और समझ से बाहर लगता है।

असल में ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा टूल है जो सही समझ और रणनीति के साथ इस्तेमाल किया जाए, तो न केवल रिस्क को मैनेज कर सकता है, बल्कि अच्छा-खासा मुनाफा भी दिलाता है। हम इस ब्लॉक पोस्ट में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है, कैसे काम करती है, किसे करनी चाहिए, और इससे कैसे मुनाफा कमाया जा सकता है।

हमने इस ब्लॉक पोस्ट में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है की संपूर्ण जानकारी दी है

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ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और परिचय

1.1 ऑप्शन क्या है?

ऑप्शन एक वित्तीय अनुबंध होता है जो खरीदार को यह अधिकार देता है लेकिन कोई बाध्यता नहीं कि वह एकओ निश्चित तिथि तक या उससे पहले एक निश्चित कीमत पर किसी एसेट को खरीद या बेच सके।

ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं

1. Call Option (कॉल ऑप्शन)- Call Option में खरीदार को अधिकार होता है कि वह भविष्य में एक निश्चित कीमत पर एसेट को खरीद सके।

2. Put Option (पुट ऑप्शन)- Put Option में  खरीदार को अधिकार होता है कि वह भविष्य में एक निश्चित कीमत पर एसेट को बेच सके।

1.2 ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

जब आप शेयर बाजार में ऑप्शन के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते या बेचते हैं, तो उसे ही ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप इन कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं, न कि खुद स्टॉक्स को खरीदने-बेचने से।

ऑप्शन ट्रेडिंग के बुनियादी तत्व

2.1 प्रीमियम

ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदने के लिए आपको एक कीमत चुकानी होती है, जिसे प्रीमियम कहा जाता है। यह आपकी अधिकतम हानि होती है अगर आपका अनुमान गलत साबित हो जाए।

2.2 स्ट्राइक प्राइस 

स्ट्राइक प्राइस वह कीमत होती है जिस पर ऑप्शन खरीदार एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार रखता है।

2.3 एक्सपायरी डेट 

एक्सपायरी डेट वह तारीख होती है जिसके बाद ऑप्शन अमान्य हो जाता है। भारतीय बाजार में आमतौर पर ऑप्शन की एक्सपायरी हर गुरुवार-शुक्रवार को होती है।

2.4 लॉट साइज

ऑप्शन ट्रेडिंग में आप एक लॉट में ट्रेड करते हैं, जिसमें एक निश्चित संख्या में शेयर होते हैं। उदाहरण: Nifty का एक लॉट में 75 शेयर का होता है और Bsc sensex का एक लाँट में 20 शेयर का होता है।

ऑप्शन कैसे काम करता है?

मान लीजिए कि Reliance का शेयर अभी ₹2500 है और यह एक महीने में ₹2600 हो जाएगा। आप एक Call Option खरीदते हैं जिसकी स्ट्राइक प्राइस ₹2550 है और प्रीमियम ₹30 है।

अगर शेयर ₹2600 पहुंच गया –> आपका ऑप्शन इन द मनी हो गया।

आपकी कमाई: (2600 – 2550 – 30) = ₹20 प्रति शेयर * 250 शेयर = ₹5,000 होगी।

अगर शेयर ₹2550 से नीचे ही रहा –> आपका नुकसान केवल प्रीमियम यानी ₹7,500 (₹30 * 250) का होगा।

ऑप्शन ट्रेडिंग की रणनीतियाँ

4.1 Long Call

आप्शन ट्रेडिंग में आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत बढ़ेगी, तो आप Call Option खरीदते हैं। जब हि आपको मुनाफा होगा।

4.2 Long Put

ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत गिरेगी, तो आप Put Option खरीदते हैं। जब आपको मुनाफा होगा।

4.3 Covered Call

अगर आपके पास स्टॉक पहले से है, तो आप उस पर Call Option बेच सकते हैं, जिससे आप प्रीमियम कमा सकते हैं।

4.4 Protective Put

अगर आपको स्टॉक गिरने का डर है, तो आप उस पर Put Option खरीदकर अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं।

 

ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे

6.1 कम पूंजी में शुरुआत

आप ऑप्शन ट्रेडिंग कि शुरूआत कम पैसे से भी कर  सकते हैं  जबकि शेयर खरीदने के लिए लाखों की जरूरत हो सकती है।

6.2 रिस्क कंट्रोल

ऑप्शन ट्रेडिंग में आपका अधिकतम नुकसान वही होता है जितना प्रीमियम आपने भरा है।

6.3 हेजिंग का टूल

शेयर बाजार में बड़े निवेशक और संस्थाएं अपने पोर्टफोलियो को हेज करने के लिए ऑप्शन का इस्तेमाल करती हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग के जोखिम

7.1 समय की सीमा

अगर आपका अनुमान सही भी हो, लेकिन समय पर नहीं हुआ तो ऑप्शन बेकार हो सकता है।

7.2 जटिलता

ऑप्शन ट्रेडिंग में बिना जानकारी से नुकसान की संभावना अधिक होती है।

7.3 ओवर ट्रेडिंग

कम प्रीमियम देखकर लोग ज्यादा ट्रेड करने लगते हैं जिस कारण जोखिम बढ़ जाता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी बातें

8.1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक सक्रिय डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना चाहिए।

8.2 ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म

Zerodha, Upstox, Angel One, Groww जैसे प्लेटफॉर्म पर आप ऑप्शन ट्रेड कर सकते हैं।

8.3 बाजार की समझ

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप को चार्ट, इंडिकेटर्स और समाचार की समझ होना जरूरी है।

8.4 रणनीति

आप को बिना रणनीति के ऑप्शन ट्रेडिंग जुए जैसा हो सकता है।

ऑप्शन ग्रीक्स – ऑप्शन प्राइस को समझने की कुंजी

9.1 डेल्टा

डेल्टा यह बताता है कि स्टॉक की कीमत में बदलाव होने पर ऑप्शन की कीमत कितनी बदलेगी।

9.2 थीटा

थीटा यह बताता है कि समय के साथ ऑप्शन की कीमत कितनी घटेगी।

9.3 वेगा

वेगा यह बताता है कि वोलैटिलिटी बढ़ने पर ऑप्शन की कीमत कैसे बदलेगी।

9.4 गामा

गामा डेल्टा में बदलाव की दर को बताता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग किसके लिए है?

ऑप्शन ट्रेडिंग छोटे निवेशक जो सीमित पूंजी से मुनाफा कमाना चाट्रेडिं उनके लिए एक अच्छा अवसर है।

अनुभवी ट्रेडर्स जो बाजार की चाल को समझते हैं उनके लिए ऑप्शन ट्रेडिंग सही है

संस्थागत निवेशक जो पोर्टफोलियो को हेज करना चाहते हैं उनके लिए ऑप्शन ट्रेडिंग सही है

ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएँ?

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है के लिए कुछ गाइड:

1. बाजार की दिशा का अनुमान लगाना चाहिए।

2. सही स्ट्राइक प्राइस और एक्सपायरी चुनें।

3. प्रीमियम का आकलन करें।

4. समय और वोलैटिलिटी को ध्यान में रखें।

5. मनोविज्ञान और अनुशासन बनाए रखें।

निष्कर्ष

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है यह एक ताकतवर लेकिन संवेदनशील टूल है।  ऑप्शन ट्रेडिंग आपको कम पूंजी में बड़े मौके देता है, लेकिन उसके लिए समझ, अनुभव और अनुशासन बहुत जरूरी है। यदि आप इसे सीखने के लिए समय और मेहनत लगाते हैं, तो यह एक शानदार निवेश साधन साबित हो सकता है।

हमने इस ब्लॉक पोस्ट में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है की संपूर्ण जानकारी दी है

FAQ

Ques 1. ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

जब आप शेयर बाजार में ऑप्शन के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते या बेचते हैं, तो उसे ही ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप इन कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं, न कि खुद स्टॉक्स को खरीदने-बेचने से।

Ques 2. ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना नुकसान होता है?

ऑप्शन ट्रेडिंग में हाई रिस्क होता है आपको ट्रेड लेने से पहले पता होना चाहिए कि आप इस ट्रेड में कितना लॉस ले सकते हैं केवल वही पैसा लगाएं जिसे आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने रिस्क मैनेज कर ली तो समझिये आधा काम कर लिया है।

 Ques 3. ऑप्शन ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

ऑप्शन ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट दो प्रकार के होते हैं कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन। हालाँकि वे अपनी अंतर्निहित परिसंपत्तियों और समाप्ति तिथि के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।

Ques 4. ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?

आपको ऑप्शन तब खरीदना चाहिए जब वोलैटिलिटी ऊपर जाने की उम्मीद हो। ऑप्शन तब बेचना चाहिए जब वोलैटिलिटी नीचे आने की उम्मीद हो। वोलैटिलिटी के अलावा एक्सपायरी में कितना समय बचा है और टारगेट कितने दिनों में पूरा होने की उम्मीद है, इन सभी चीजों का भी ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ये भी  ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है  महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग में।

Ques 5. निफ्टी 50 ऑप्शन में ट्रेड कैसे करें?

अपने ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर लॉग इन करें और ऑप्शन या फ्यूचर्स सेक्शन में बैंक निफ्टी या निफ्टी खोजें। अपनी रणनीति के आधार पर अनुबंध प्रकार, समाप्ति तिथि और स्ट्राइक मूल्य चुनें। ऑर्डर देने से पहले अपने खाते में पर्याप्त मार्जिन सुनिश्चित करें।

Ques 6. क्या ऑप्शन ट्रेडिंग जुआ है?

जुए के विपरीत, ऑप्शन ट्रेडिंग सेबी द्वारा regulated platforms पर की जाती है जो पैसा कमाने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका है। दूसरी ओर, जुए में ऐसा कोई विनियमन नहीं है जिससे घोटालों और धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है।

Ques 7. कौन सा ऑप्शन ट्रेड सबसे अच्छा है?

ट्रेडिंग के लिए लॉन्ग स्ट्रैडल सबसे अच्छी रणनीति है जिसमें इन-द-मनी कॉल खरीदना और समान अंतर्निहित परिसंपत्ति, स्ट्राइक मूल्य और समाप्ति तिथि के साथ विकल्प डालना शामिल है। इस पद्धति में लाभ की संभावना अनंत है, जबकि हानि की संभावना सीमित होती है।

Ques 8.ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?

ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरु करने के लिए कुछ बिंदु

ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आप के पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए

ऑप्शन ट्रेडिंग में जोखिम की समभावना होता है

ऑप्शन ट्रेडिंग में अनुशासन और धैर्य की ज़रूरत होती है

ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े नियमों और विनियमों का पालन करना होता है

ऑप्शन ट्रेडिंग में समय की अहमियत को समझना होता है

Ques 9. पहली बार ट्रेडिंग कैसे करें?

शुरुआती लोगों के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग की प्रक्रिया 

  • पहले से पहले डीमैट अकाउंट खोलना जरूरी है  
  • ट्रेडर स्टॉक टर्मिनोलॉजी को समझें
  • बोलियों के बारे में जानें और पूछें
  • एक न्ये ट्रेडर को स्टॉप लॉस ऑर्डर सेट करना जरूरी है
  • एक न्ये ट्रेडर को एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए
  • एक न्ये ट्रेडर को सुरक्षित स्टॉक के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करनी चाहिए।

Ques 10.ऑप्शन ट्रेडिंग में प्राइस कैलकुलेट कैसे करें?

ऑप्शन ट्रेडिंग की कीमत में मुख्य रूप से दो भाग होते हैं इसका आंतरिक मूल्य और इसका समय मूल्य । आंतरिक मूल्य स्ट्राइक मूल्य बनाम बाजार में स्टॉक की कीमत के आधार पर ऑप्शन की लाभप्रदता को मापता है। समय मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति की अपेक्षित अस्थिरता और ऑप्शन की समाप्ति तक के समय पर आधारित होता है।

Ques 11.ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है जब आप शेयर बाजार में ऑप्शन के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते या बेचते हैं, तो उसे ही ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप इन कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं, न कि खुद स्टॉक्स को खरीदने-बेचने से।

हमने इस ब्लॉक पोस्ट में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है की संपूर्ण जानकारी दी है

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